महाभारत में वर्णित धर्मराज युधिष्ठिर की मनोदशा का विश्लेषणात्मक अध्ययन

लेखक

  • मनजीत डाॅ हरिओम

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https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i3.729

सार

 


महाभारत भारतीय संस्कृति का एक अनुपम ग्रंथ है, जो केवल युद्ध की कथा नहीं, अपितु मानव जीवन के विविध आयामों का दार्शनिक, नैतिक और मनोवैज्ञानिक चित्रण प्रस्तुत करता है। इस महाकाव्य में युधिष्ठिर एक ऐसे पात्र के रूप में उभरते हैं, जिनका जीवन धर्म, नीति, और आस्था की परीक्षा बनकर सामने आता है। वे न केवल धर्मराज के रूप में जाने जाते हैं, अपितु एक ऐसे मानव के रूप में भी, जो सदैव सत्य, न्याय और धर्म के संघर्षों से जूझता रहा। उनका जीवन किसी भी समय के समाज, नेतृत्व और नीति-निर्माण के लिए एक गहन अध्ययन का विषय है।

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प्रकाशित

2025-03-28

अंक

खंड

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